शुभांशु शुक्ला होंगे अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय

 


1984 में राकेश शर्मा के अंतरिक्ष में जाने के लगभग 40 वर्ष बाद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे ,जो कि नासा के सहयोग से अक्टूबर 2024 में संभावित एक्सिओम मिशन-4 के अंतर्गत तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन(ISS)के लिए उड़ान भरेंगे।

ग़ौरतलब है कि शुभांशु शुक्ला भारत के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट गगनयान का भी हिस्सा है,जिसके अंतर्गत इसरो 2025 में तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को,तीन दिन के लिए पृथ्वी तल से चार सौ किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थित निम्न भू कक्षा में ले जाएगा तथा उन्हें सुरक्षित वापस धरती पर लाएगा।इस हेतु भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो तैयारियों में जुटा है तथा गगनयान से जुड़े विभिन्न परीक्षण जैसे TV-D1 ,पैड अबॉर्ट टेस्ट, क्रू एस्केप सिस्टम इत्यादि परखे जा रहे हैं।इसके साथ ही गगनयान के लिए निर्धारित चारों अंतरिक्ष यात्री, जिसमें ग्रुप कैप्टन प्रशान्त बालकृष्णन नायर ,ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप ,ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन व विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं, इन सभी को अंतरिक्ष की ज़ीरो ग्रैविटी वाली परिस्थितियों का सामना करने हेतु आधुनिक ट्रेनिंग दी जा रही है।

प्रशिक्षण की इसी कड़ी में भारत,USA के साथ संयुक्त अभियान के द्वारा इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों में से एक यात्री शुभांशु शुक्ला को एक्सिओम -4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में स्थित अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजने जा रहा है,ताकि आगामी गगनयान मिशन हेतु पूर्व अभ्यास हो सके।



एक्सिओम स्पेस:- यह USA की निजी वित पोषित एक एयरोस्पेस कंपनी है,जिसकी स्थापना 2016 में की गई तथा इसका मुख्यालय ह्यूस्टन टेक्सास में है।इस कम्पनी के द्वारा नासा के सहयोग से “एक्सिओम मिशन”के नाम से एक वाणिज्यिक स्पेस फ़्लाइट प्रोग्राम संचालित किया जा रहा है,जो यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन(ISS) तक परिवहन की सेवाएँ प्रदान करता है।

एक्सिओम मिशन के अंतर्गत जहाँ उड़ान का संचालन एक्सिओम स्पेस के द्वारा किया जाता है, वहीं यात्रियों को ISS तक ले जाने तथा उन्हें सुरक्षित वापस लाने हेतु स्पेसएक्स कंपनी के ड्रैगन क्रू कैप्सूल का उपयोग किया जाता है।और प्रक्षेपण भी स्पेसएक्स के फ़ाल्कन-9 के द्वारा ही किया जाता है।

अब तक एक्सिओम मिशन के अंतर्गत तीन उड़ानें सफलतापूर्वक संचालित की जा चुकी है ,जिसकी शुरुआत अप्रैल 2022 में एक्सिओम मिशन-1 के साथ की गई थी।

एक्सिओम मिशन-1 :- यह एक्सिओम स्पेस  की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन हेतु प्रथम प्राइवेट उड़ान थी ,जिसे अप्रैल 2022 में फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया ।इसमें कुल चार सदस्य सम्मिलित थे।

एक्सिओम मिशन -2 :- 4 क्रू सदस्यों से युक्त यह एक्सिओम स्पेस की द्वितीय उड़ान थी, जिसे मई 2023 में सफलतापूर्वक लॉंच किया गया।

एक्सिओम मिशन-3:- जनवरी 2024 में लॉंच किया,जिसमें भी कुल 4 क्रू सदस्य सम्मिलित थे।

एक्सिओम मिशन-4:- यह एक्सिओम स्पेस कम्पनी की ,नासा के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन(ISS)हेतु भेजी जाने वाली चतुर्थ व्यावसायिक उड़ान होगी,जो अक्टूबर 2024 में चार क्रू सदस्यों के साथ भेजी जानी संभावित है।इसके अंतर्गत चार यात्री जिसमें -पेगी विटसन( कमांडर ,USA) ,शुभांशु शुक्ला (भारत) ,स्लोवोज उजनांसकी ( पौलेंड ) तथा टीबोर कापू ( हंगरी ) सम्मिलित है, ये सभी पृथ्वी से स्पेसएक्स के ड्रैगन क्रू कैप्सूल में  बैठकर ISS तक की यात्रा तय करेंगे ,तथा 14 दिन तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में रुकने के पश्चात वापस धरती पर लौट आएंगे।इस मिशन में भारत ओर USA के अलावा पौलेंड व हंगरी भी शामिल है।

(एक्सिओम मिशन-4 हेतु भारत-US समझौता)

जून 2023 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा के दौरान भारत व अमेरिका के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि ,नासा आर्टेमिस समझौते के अनुरूप भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अपने केन्द्र में उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करेगा तथा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन(ISS) के लिए इसरो-नासा के संयुक्त प्रयास की परिकल्पना की गई।

इसी वक्तव्य की पृष्ठभूमि में भारत के गगनयान मिशन से जुड़े अंतरिक्ष यात्रियों को उन्नत ट्रेनिंग देने तथा उन्हें एक्सिओम मिशन -4 के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन(ISS) तक ले जाने हेतु ISRO की ओर से “मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र”(HSFC)  तथा नासा द्वारा मान्यता प्राप्त सेवा प्रदाता मेसर्स “एक्सिओम स्पेस इंक”के साथ अंतरिक्ष उड़ान समझौता (SFA) संपन्न किया गया।

हाल ही में इसरो के राष्ट्रीय मिशन एसाइनमेंट बोर्ड ने उक्त समझौते के अनुरूप एक़्सिओम -4 मिशन के लिए दो गगनयात्रियों को प्राइम और बैकअप मिशन पायलट के रूप में चयनित किया है ।जिसमें ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (प्राइम) और ग्रुप कैप्टन प्रशान्त बालकृष्णन नायर (बैकअप) सम्मिलित है ,एक़्सिओम-4 में शामिल किए गए ये दोनो ही पायलट पहले से ही भारत के गगनयान मिशन में भी सम्मिलित है। अब इन दोनों ही पायलटों को अगस्त 2024 के प्रथम सप्ताह में ट्रेनिंग हेतु ह्युस्टन(अमेरिका) भेजा गया है,हालाँकि इस मिशन में अंतिम रूप से केवल एक ही भारतीय गगनयात्री (शुभांशु शुक्ला)को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इन्हें उड़ान से पूर्व “मल्टीलेटरल क्रू ऑपरेशन्स पैनल(MCOP) की अनुमति लेनी होगी।

(एक्सिओम-4 का भारत के लिए महत्व)

-1) एक्सिओम मिशन-4 में शामिल गगनयात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 14 दिनों तक विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी प्रदर्शन प्रयोगों के साथ साथ विभिन्न अंतरिक्ष गतिविधियों को पूर्ण करेंगे।

2) इस मिशन के दौरान प्राप्त अनुभव भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम (गगनयान) के लिए फ़ायदेमंद होगा।

3) यह इसरो व नासा के बीच मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग को और अधिक मज़बूत करेगा ,जिससे अंतरिक्ष क्षेत्र में साझे प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।

लेखक-माँगीलाल विश्नोई

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